
न्यूज डेस्क : टी.बी जिसे यक्ष्मा, तपेदिक के नाम से भी जानते है एक बेक्टेरिया जनित बीमारी है जिसमें दो सप्ताह से अधिक दिनों तक खाँसी के साथ बुखार बनी रहती है. इससे फेफड़े में संक्रमण हो जाता है उक्त बातें मैटी अल्टरनेटिव मेडिकल कौंसिल दिल्ली के सौजन्य से शिव प्राण मैटी मिशन ऑफ इण्डिया के द्वारा नारायणपुर के शाहपुर के एक शैक्षणिक संस्थान में विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यशाला में बोलते हुए मिशन के सचिव सह इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. सुभाष कुमार विद्यार्थी नें कहा.
इन्होंने कहा कि नियमित योगाभ्यास, सन्तुलित खान-पान, संयमित दिनचर्या एवं नशीली चीजों से दूर रहकर यक्ष्मा रोग से बच सकते हैं. इस अवसर पर चंद्रशेखर यादव नें कहा कि अब टी बी लाईलाज नहीं है लेकिन अपने जीवन शैली में बदलाव लाने की भी आवश्यकता है. मो रिजवान नें कहा कि बढ़ती हुई नशीली चीजों के प्रचलन से टी बी रोग ज्यादा होता है इसलिए खासकर युवाओ को नशीली चीजों से बिल्कुल दूर रहने की आवश्यकता है. मौके पर कई लोगों ने संबोधित करते हुए लोगों को टी बी के प्रति जागरूक करने की अपील की. इस कार्यक्रम में छात्रों सहित कई सामाजिक प्रबुद्धजन उपस्थित थे.
