पीएम मोदी का समर्थन
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव, विधानसभा चुनाव, पंचायत और नगर निकाय चुनाव होते हैं। इससे चुनाव खर्च और विकास कार्य प्रभावित होते हैं। ये सभी मुद्दे महत्वपूर्ण और सराहनीय हैं। ऐसे में स्वाभाविक सवाल है कि सभी राजनीतिक दलों से चर्चा करके और आम सहमति बनाकर देश को आगे बढ़ना चाहिए। इससे पहले पीएम मोदी ने लाल किले से कहा था, "मैं ...घोषणा करना चाहता हूं कि हमें 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए आगे आना चाहिए। पीएम मोदी के अपने भाषण में सेकुलर नागरिक संहिता की बात पर नीरज कुमार ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्षों पहले देश के विधि आयोग को पत्र लिखकर चर्चा की थी कि देश विविधताओं से भरा है, धार्मिक परंपराएं अलग-अलग हैं, क्षेत्रीय परंपराएं और भाषाएं अलग-अलग हैं। ऐसे में समान नागरिक संहिता चर्चा का विषय बन गया है।
जेडीयू का पूर्ण समर्थन
देश की महिलाओं को लेकर पीएम मोदी के भाषण पर जदयू नेता ने कहा कि पीएम मोदी ने देश की आधी आबादी वाली महिलाओं से चर्चा की है। स्वाभाविक है कि जब आप राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़े देखेंगे तो पाएंगे कि जिन राज्यों में शराबबंदी है, वहां महिलाओं पर अत्याचार कम हुए हैं। महिलाओं की सुरक्षा में बिहार एक रोल मॉडल बन गया है। पुलिस में महिलाओं की भागीदारी देश में सबसे ज्यादा बिहार में है। शिक्षक भर्ती में महिलाओं के लिए देश में सबसे ज्यादा वैकेंसी बिहार ने निकाली है। महिलाओं का सशक्तिकरण और उनका आर्थिक तथा सामाजिक सशक्तिकरण सबसे ज्यादा बिहार ने किया है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अपराध और बलात्कार पर चिंता जताते हुए कहा है कि देश, समाज और सभी राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा।
महिला अपराध पर बयान
उन्होंने महिलाओं पर अत्याचार करने वाले अपराधियों को जल्द से जल्द सख्त सजा देने की भी बात कही। प्रधानमंत्री ने राजनीति में भाई-भतीजावाद और जातिवाद को खत्म करने और एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाने की बात कही, जिनके परिवार की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है। समान नागरिक संहिता को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश की मांग है, अब देश में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता हो, हमने सांप्रदायिक नागरिक संहिता में 75 साल बिताए हैं। अब हमें धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की तरफ जाना होगा, और तब जाकर के देश में धर्म के आधार पर जो भेदभाव हो रहें, सामान्य नागरिकों को दूरी महसूस होती है, उससे हमें मुक्ति मिलेगी।