न्यूज़ डेस्क : बांग्लादेश में आरक्षण के विषय पर शुरू आंदोलन इतना हिंसक हो गया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ के निकलना पड़ा। बांग्लादेश के राजनीतिक और सामाजिक हलचल का असर अब काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे बांग्लादेशी छात्रों पर भी पड़ रहा है। बीएचयू के अंतरराष्ट्रीय छात्रावास में रह रहे करीब 200 छात्र अपने देश की स्थिति को देख कर चिंतित है।
ऐसे में काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रशासन ने इन बांग्लादेशी छात्रों को लेकर बड़ी पहल की है। विश्वविद्यालय प्रशासन उन छात्रों को भी स्थिति सामान्य होने तक हॉस्टल में रहने की इजाजत दे दी है। बांग्लादेश की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इन छात्रों के लिए एक बड़ी राहत है। छात्रावास में रह रहे इन छात्रों में अपने देश की स्थिति को देखते हुए प्रार्थन कर रहे है कि जल्द से स्थिति सामान्य हो। साथ ही आंदोलन में मारे गए लोगों के लिए छात्रावासों ने परिसर में ही कैंडल मार्च भी निकाला।
बांग्लादेशी स्टूडेंट्स से नहीं ली जाएगी फीस
बीएचयू के प्रफेसर एसवीएस राजू ने बताया कि बीएचयू में बांग्लादेश के करीब 200 छात्र-छात्राएं कई विभगों में पढ़ाइ करते हैं। इनमें से करीब 30 छात्र और 12 छात्राओं का कोर्स और फाइनल एग्जाम खत्म हो गया है। इन्हें वापस अपने देश जाना था, लेकिन वहां की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को देखते हुए वहां जाना अभी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक मानवीय पहल करते हुए इन सभी छात्रों को स्थिति सामान्य होने तक छात्रावास में रहने की इजाजत से दी हैं। इन सभी छात्रों को बांग्लादेश की स्थिति सामान्य होने तक रहने के लिए कोई शुल्क भी नहीं देना है।
छात्रों के साथ खड़ा है पूरा विश्वविद्यालय
एसवीएस राजू ने बताया कि बीते दिनों जिस तरह से बांग्लादेश में स्थिति अराजक हुई। इसे देखते हुए पूरा विश्वविद्यालय परिवार इनके साथ खड़ा है। आंदोलन में मारे गए छात्रों के प्रति भी छात्रावास परिसर के भीतर ही अपनी संवेदना दिखाते हुए छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला। ये छात्र लगातार प्रार्थना कर रहे है कि उनके देश में स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाए।