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अवगुण एवं कुसंस्कार से आत्मा की रक्षा करना ही रक्षा बंधन : राजयोगी डॉ. एस.के. विद्यार्थी // LIVE NEWS24

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न्यूज़ डेस्क : पाँच विकारों के कारण आत्मा की हो रही दुर्गति से रक्षा करने हेतु आत्मिक स्थिति एवं ईश्वरीय स्मृति में रहने के अभ्यास करने के यादगार में ही रक्षा बंधन का पवित्र त्योहार मनाया जाता है उक्त बातें भागलपुर जिले के नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवा केन्द्र चकरामी में रक्षा बंधन के पर्व के आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए ब्रह्माकुमारी ऋचा बहन ने कहा. मौके पर मैटी अल्टरनेटिव मेडिकल कौंसिल नांगलोई, नई दिल्ली के मुख्य निदेशक सह राजयोगी डॉ. सुभाष कुमार विद्यार्थी ने कहा कि आत्मा में जब अच्छे गुण और संस्कार आते हैं तब वही आत्मा गुण और संस्कार के बदौलत पुण्यात्मा, धर्मात्मा, महात्मा और देवात्मा कहलाते हैं और उसी आत्मा में गलत विचार और कुसंस्कार प्रविष्ट हो जाता है तो वही आत्मा पापात्मा और दुष्टात्मा आदि कहे जाते हैं.
अवगुण एवं कुसंस्कार से रक्षा कर ही हम आत्मा को महान बना सकते हैं तभी हमारे परिवार, समाज और राष्ट्र में सुख शांति और खुशियाली सम्भव है. इस अवसर पर राजयोगी लड्डू भाई, ब्रह्माकुमार शान्ति शरण सिंह, अनोज कुमार यादव, सुन्दर पोद्दार, रतन भाई, सुशांत भारती, चुल्हाय दास, राजयोगिनी बहन संध्या, यशोदा, करुणा, रेणु भारती, पुष्पा, मधु, शिरोमणि, अनारकली, मीना, रेखा सहित कई भाई-बहन उपस्थित थे, जिन्हें राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ऋचा बहन के द्वारा ईश्वरीय स्मृति में राखी बाँधी गई.