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पुरी मंदिर के खजाने में चोरी का शक ? डुप्लीकेट चाभियों से बढ़ी आशंका // LIVE NEWS24

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न्यूज डेस्क : पुरी जगन्नाथ मंदिर के खजाने में पूर्व में चोरी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। यह बात सरकारी निगरानी समिति के एक सदस्य ने कही है। इस सदस्य का कहना है कि डुप्लीकेट चाभियों की मदद से खजाने में चोरी को अंजाम दिया गया होगा। कमेटी के सदस्य जगदीश मोहंती पैनल के चेयरमैन बिश्वनाथ रथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे थे। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मोहंती ने कहा कि डुप्लीकेट चाभियों के काम नहीं करने की हालत में ताले तोड़े गए। इसके बाद इस बात की आशंका गहराई है कि खजाने को लेकर कुछ तो बेईमानी हुई है।

जगदीश मोहंती ने कहा कि डुप्लीकेट चाभियां चकमा देने के मकसद से तैयार की गई थीं। बता दें कि कमेटी के सदस्यों ने 14 जुलाई को रत्न भंडार के अंदरूनी चेंबर के ताले तोड़े थे। ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि प्रशासन के पास मौजूद खजाने की दो डुप्लीकेट चाभियां काम नहीं कर रही थीं। साल 2018 में अंदरूनी चेंबर की तालियों के बारे में बताया गया कि यह खो गई हैं। इसके बात नवीन पटनायक की निवर्तमान सरकार ने उड़ीसा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस रघुबीर दास को इसकी जांच के लिए नियुक्त किया था। राजस्थान कैडर के रिटायर्ड अफसर मोहंती ने कहा कि कमेटी को अधिकार नहीं है कि वह सरकार को क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन के लिए निर्देश दे।

खजाने के अंदरूनी चेंबर में तीन लकड़ी की और एक स्टील की आलमारी है। इसके अलावा दो लकड़ी के और एक लोहे का बक्सा है। मंदिर प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि इनमें से एक लकड़ी की आलमारी थी, जिसका ताला सही-सलामत था। गौरतलब है कि उड़ीसा में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी खजाने की डुप्लीकेट चाभियों को लेकर 11 मई को बीजेडी सरकार पर जमकर बरसे थे। उन्होंने कहा कि खजाने की असली चाभियों का खो जाना बहुत ही गंभीर मामला है और डुप्लीकेट चाभी होना इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात है। उस वक्त पीएम मोदी ने सवाल पूछा था कि क्या डुप्लीकेट चाभियों का इस्तेमाल भगवान के आभूषणों में गड़बड़ी करने के लिए किया गया था।