न्यूज़ डेस्क : राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने बुधवार को पटना में ऐलान किया है कि उनकी पार्टी रालोजपा 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में राज्य की 243 की 243 सीट लड़ने की तैयारी कर रही है. पारस की पार्टी इस समय भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है. पारस का यह बयान बिहार विधानसभा के 2020 के चुनाव की याद दिलाता है जब चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी को अकेले 135 सीटों पर लड़ा दिया था. इनमें ज्यादातर सीटें जेडीयू और एनडीए के सहयोगी दल वीआईपी और हम की थीं. चिराग उस चुनाव में मात्र एक सीट जीत पाए थे और वो विधायक भी बाद में जेडीयू में शामिल हो गया.
पारस ने पटना में रालोजपा की बैठक में कहा कि पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए पूरे बिहार में अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभियान के तहत 243 सीट पर हमारी तैयारी होगी. एनडीए के साथ बने रहने पर उन्होंने अपने विकल्प खोल लिए हैं. पशुपति पारस ने कहा कि समय बताएगा, जब समय आएगा कि किसके साथ गठबंधन करना है, या नहीं करना है. लेकिन हम पार्टी संगठन को मजबूत करेंगे. इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पारस की पार्टी को एक भी सीट नहीं दी जिन्होंने रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी के छह में पांच सांसदों को तोड़कर नई पार्टी बनाई थी.
पारस ने मीटिंग के बाद कहा कि पार्टी ने प्रस्ताव पारित किया है और नीतीश कुमार की सरकार से मांग की है कि चौकीदार-दफादार की बहाली को सामान्य वर्ग के लिए खोलने के फैसले पर वो पुनर्विचार करे. पारस ने कहा कि बिहार में लंबे समय से ज्यादातर चौकीदार, दफादार पासवान जाति के लोग रहे हैं. राज्य सरकार ने अब उसे जनरल करने का फैसला लिया है जिसे पासवान समाज बर्दाश्त नहीं करेगा. पारस ने कहा कि पासवान का मतलब रक्षक होता है. हमारी जाति के लोग पूरे देश में और बिहार में रक्षा करते आए हैं. हमारे समाज के लोग रखवाल और चौकीदार हुआ करते थे.