न्यूज़ डेस्क : असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने दूसरे चरण में सिर्फ किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने पूर्णिया व कटिहार से अपनी दावेदारी वापस ले ली है। गुरुवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने पत्रकारों से बात करते हुए यह घोषणा की।यहां वह समान विचारधारा व सांप्रादायिक ताकतों से लड़ने वाले उम्मीदवार को अपना समर्थन देने पर विचार कर रही है। किशनगंज लोकसभा सीट से अमौर के विधायक तथा एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान खुद चुनाव लड़ेंगे। पार्टी इसके पहले गया लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी वापस ले चुकी है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एआईएमआईएम सूबे में 13 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। हालांकि इसमें उसमें पूर्णिया और कटिहार से वह अब चुनाव नहीं लड़ेगी। एआईएमआईएम ने किशनगंज, अररिया, कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, बक्सर, मुजफ्फरपुर, उजियारपुर, काराकाट, भागलपुर, गोपालगंज, शिवहर, पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी है। अब इसमें कटिहार व पूर्णिया शामिल नहीं है।
सीमांचल में है जनाधार
एआईएमआईएम ने सीमांचल खासकर किशनगंज, अररिया और पूर्णिया में अच्छा-खासा जनाधार बनाया है। 2020 के पिछले विधानसभा चुनाव में उसने तीनों जिलों में जीत का स्वाद भी चखा। उसके पांच विधायक जीते। इनमें किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में बहादुरगंज, कोचाधामन, अमौर और बायसी जबकि अररिया लोकसभा क्षेत्र में जोकीहाट में उनका विधायक जीता था। हालांकि तकनीकी रूप से अमौर व बायसी पूर्णिया जिले के प्रखंड हैं, लेकिन किशनगंज लोकसभा के क्षेत्र हैं। किशनगंज लोकसभा सीट से अमौर के विधायक व एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान खुद चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने पिछली बार भी किशनगंज से ही लोकसभा का चुनाव लड़ा था। लेकिन त्रिकोणात्मक लड़ाई में यहां से कांग्रेस की जीत हुई थी।
बता दें कि पूर्णिया सीट पर आरजेडी (बीमा भारती) और जेडीयू (संतोष कुशवाहा) के बीच पहले सीधी टक्कर थी, लेकिन पप्पू यादव ने गुरुवार को इस सीट से नामांकन कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। वहीं कटिहार लोकसभा सीट की बात करें तो यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस (तारिक अनवर) और जेडीयू (दुलाल चंद गोस्वामी) के बीच है। कटिहार और पूर्णिया सीट पर दूसरे चरण के दौरान 26 अप्रैल को मतदान होगा।