न्यूज़ डेस्क : रांची नगर निगम समेत राज्य के सभी शहरी निकाय क्षेत्र में महिला स्वालंबन के कार्य में लगे सीआरपी कर्मियों के बकाया मानदेय (प्रोत्साहन राशी) का भूगतान एक सप्ताह के भीतर किया जाय, अन्यथा कर्मी मजबूरन आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे। उपरोक्त निर्णय जाकिर हुसैन पार्क के सामने आयोजित बैठक मे लिया गया।
बैठक में मुख्य रुप से उपस्थित ऐक्टू के प्रदेश सचिव भुवनेश्वर केवट ने कहा कि सीआरपी कर्मियों की भूमिका पुरे राज्य में महिलाओ की सशक्तिकरण में इनकी महती भूमिका है। ये महिला स्वयं सहायता समूहों का निर्माण कर स्वरोजगार से जोड़ना, इन्हें बैंको से ऋण उपलब्ध कराने समेत निगम के वार्डो में संचालित निगम के कार्योँ के प्रति जागरूकता पैदा करना इनका मुख्य काम है। जब पूरे देश में महिला सशक्तिकरण और आरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है, दूसरी तरफ विपरित परिस्थिती में जूझ कर महिला सशक्तिकरण मॉडल पेश करने वाली महिलाओं की बकाया मानदेय का भूगतान नहीं किया जाना कामकाजी महिलाओं का अपमान है।
ऐक्टू रांची जिला कमिटी नगर आयुक्त को पत्र प्रेषित कर मांग किया है की एक सप्ताह के भीतर कर्मियों का बकाया मानदेय का भूगतान किया जाय।
राजधानी रांची समेत राज्य के सभी नगर निकाय क्षेत्र में कार्यरत सीआरपी कर्मियो का मार्च 2023 से मानदेय बकाया है। कुछेक कर्मियों का दिसंबर 2022 से बकाया है। एक तो मात्र 5475 रूपये प्रतिमाह की राशि ऊपर से 9 महीने से मानदेय का बकाया कर्मियों के साथ दोहरी ज्यादती है।
सीआरपी कर्मियों के द्वारा अधिकारीयों को अपनी मांग से पूर्व में भी अवगत कराने के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया है। मजबूरन सीआरपी कर्मी आन्दोलन के लिए बाध्य होगे।