संवाददाता -निरंजन कुमार, गया
चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा ऊगते हुए उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही सम्पन्न हो गया। विभिन्न घाटों पर छठ व्रतियों ने ऊगते हुए उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया और छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की और इसके बाद व्रत का पारण किया।
बता दें कि, यह व्रत कुल 36 घंटे का था। जिसे छठव्रती महिलाओं ने छठ पूजा के सम्पन्न के बाद खोला है। बता दे कि चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा नहाय-खाय के साथ इसकी शुरुआत हुई थी और खरना के बाद डूबते हुए अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और फिर आज ऊगते हुए उदयीमान सूर्य को अर्थ देने के साथ ही यह त्यौहार सम्पन्न हो गया।
मान्यता है कि छठी मैया निसंतान दांपतियों को संतान का वर्दान देती हैं और घर की सुख-समृद्धी का भी आशीर्वाद देती है। इस वजह से महिलाएं छठ पर्व का व्रत रखती है। जिससे उनकी संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है और जिनकी संतान नहीं हैं, उन विवाहित दंपतियों को संतान का सुख प्राप्त होती है। इस व्रत को पूरे नियम के साथ किया जाता है।