जाजरकोट जिले के पुलिस उपाधीक्षक संतोष रोका ने कहा, शनिवार सुबह 3 बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार, जाजरकोट और पश्चिमी रुकुम में सबसे अधिक नुकसान हुआ है. अकेले जाजरकोट में 44 मौतें हुई हैं. रोका ने बताया कि मृतकों में नलगढ़ नगर पालिका की उपमहापौर सरिता सिंह भी शामिल हैं. जजरकोट में 55 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. उनमें से पांच को सुरखेत के करनाली प्रांत अस्पताल ले जाया गया है.
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' शनिवार सुबह एक चिकित्सकीय दल के साथ घटना स्थल रवाना हुए. उन्होंने बताया कि नेपाल सेना और नेपाल पुलिस को बचाव कार्य में लगाया गया है.
प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि पश्चिमी रुकुम में मरने वालों की संख्या 36 तक पहुंच गई है. पश्चिमी रुकुम जिले के पुलिस उपाधीक्षक नमराज भट्टाराई ने इसकी जानकारी दी है. आथबिस्कोट नगर पालिका में 36 लोगों के मरने की सूचना है। सानीभेरी ग्रामीण नगर पालिका में पांच और लोगों की मौत हुई है.
आपको बता दें कि रात करीब 11 बजकर 32 मिनट पर आए भूकंप के कारण लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा. भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था. नेपाल में एक महीने में तीसरी बार तेज भूकंप आया है.
गुरुग्राम के निवासी इंद्रजीत सिंह ने कहा कि जब हम टेलीविजन देख रहे थे, तभी काफी देर तक झटके महसूस हुए.
गाजियाबाद के रहने वाले गोपाल ने कहा कि झटके 15 सेकंड से ज्यादा देर तक महसूस हुए. उन्होंने कहा कि मुझे खिड़की के शीशे की खड़खड़ाहट भी सुनाई दी.
भूकंप के झटके दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए, जिसके चलते ऊंची इमारतों में रहने वाले कई लोग बाहर निकल आए। नोएडा सेक्टर-76 में एक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के निवासी प्रत्यूष सिंह ने कहा कि वास्तव में बहुत तेज झटके महसूस हुए. यह एक बेहद डरावना एहसास था.
भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बस्ती, बाराबंकी, फिरोजाबाद, अमेठी, गोंडा, प्रतापगढ़, भदोही, बहराइच, गोरखपुर और देवरिया जिलों के अलावा बिहार के कटिहार, मोतीहारी तथा पटना में भी महसूस किए गए.
इनपुट साभार : लाइव हिन्दुस्तान