न्यूज डेस्क : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सत्ता पक्ष और अन्य दलों के विधायकों (भाजपा को छोड़कर) ने मंगलवार को राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। इन्होंने खतियान आधारित स्थानीयता और कमजोर वर्गों का आरक्षण बढ़ाने संबंधित विधेयक पर जल्द मुहर लगाकर केंद्र से इसे 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग राज्यपाल के समक्ष रखी। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से दोनों विधेयकों को जल्द स्वीकृति प्रदान कर नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजने का आग्रह किया ताकि लागू होने वाले दोनों अधिनियमों को सुरक्षा कवच पहुंच सके।
सीएम ने राजभवन से लौट कर मीडिया व इससे पहले सदन में कहा कि राज्य गठन के बाद तीसरी बार नियोजन नीति हाई कोर्ट द्वारा रद्द की गई है। कार्यपालिका द्वारा बनी नियोजन नीति बार-बार खरीज हो रही है। एक आदिवासी युवक को आगे कर नियोजन नीति के खिलाफ षड़यंत्र रचा।
भाजपा ने प्रतिनिधि मंडल से बनाई दूरी
भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर दलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल न होने का फैसला लिया। प्रतिनिधिमंडल से दूरी बनाते हुए भाजपा का कोई विधायक या नेता राजभवन नहीं गया। भाजपा अध्यक्ष की ओर से इस संबंध में सीएम को एक सुझावपत्र भेजा गया। भाजपा ने कहा की नौवीं अनुसूची में शामिल विषय की भी कोर्ट समीक्षा कर सकती है। 1932 आधारित नीति पहले खारिज हो चुकी है। ऐसे में नए सिरे से बैठकर युवाओं के हित में नीति बनानी चाहिए।
निर्दलीय विधायक और एनसीपी भी शामिल नहीं
एनसीपी और दो निर्दलीय विधायक भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं हुए। एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह , निर्दलीय विधायक सरयू राय तथा अमित यादव राजभवन नहीं गए। कमलेश कुमार सिंह और सरयू राय ने तबीयत खराब होने की बात कही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में राज्य के सभी दलों के नेताओं और निर्दलीय विधायकों को प्रतिनिधिमंडल में शामिल होकर राज्यपाल से मुलाकात का अनुरोध किया था।