न्यूज डेस्क : उम्र व कद पर नहीं जाइए, यादाश्त क्षमता और पढ़ाने का कौशल देखिए। बिहार में पटना जिले के मसौढ़ी में तीसरी कक्षा का छात्र बाबी राज विलक्षण प्रतिभा का धनी है। उसे दसवीं तक के पाठ्यक्रम का गणित न सिर्फ कंठस्थ है, बल्कि कुशलता से इस वर्ग तक के विद्यार्थियों को गणित पढ़ाता भी है। उसने शिक्षक पिता को सुनकर पढ़ाने का कौशल सीखा है। बड़े ही सहज तरीके से गणित के तमाम सूत्रों को समझा देता है। आज उसे गांव चपौर समेत आसपास के क्षेत्र में उसकी निपुणता की चर्चा है। मां चंद्रप्रभा बताती हैं कि पिछले साल कोविड के कारण लाकडाउन में बाबी पड़ोस के साथियों के साथ गणित के प्रश्न हल करता था। बाबी का कहना है कि मुझे मां-पापा और मेरी दीदीयां पढ़ाती हैं।
मसौढी प्रखंड के चपौर गांव के बाबी राज के पिता राजकुमार और मां चंद्रप्रभा कुमारी ने अपने मकान में ही 2018 से एक साधारण स्कूल खोल रखा है। पांच कमरों के इस स्कूल में वर्ग एक से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई होती है। गांव के बच्चे व बच्चियां इस स्कूल में पढ़ते हैं। स्कूल की फीस काफी कम है, जिससे शिक्षक भी कम रखे गए है। सीनियर क्लास की छात्र-छात्राएं ही जूनियर वर्ग में पढ़ाती है। स्कूल का समय खत्म होने के बाद बच्चों के लिए ट्यूशन की भी व्यवस्था है।
पटना में सोनू सूद ने की थी उसकी प्रतिभा की प्रशंसा
बाबी राज की माता चंद्रप्रभा कुमारी बताती हैं कि बीते 21 सितंबर को पटना के बापू सभागार में अभिनेता सोनू सूद आए थे। बाबी राज अपने माता पिता से जिद कर उस कार्यक्रम में शामिल हुआ था। वहां उसने किसी तरह सोनू सूद के पास एक पर्ची भेज खुद को मंच पर बुलाने का आग्रह किया था। सोनू सूद ने उसे मंच पर बुलाया था। तब उसने मंच से कविता पाठ किया था। सोनू सूद उसकी प्रतिभा से काफी प्रभावित हुए थे।
वैज्ञानिक बन देश की सेवा करना चाहता है बाबीराज
बाबी राज माता-पिता की इकलौती संतान है। उसके पिता दिव्यांग हैं। बाबी यूट्यूब पर पढ़ाई के वीडियो खूब देखता है। बड़ा होकर वह वैज्ञानिक बनना चाहता है।