गया। निजी स्कूल प्रबंधन को अपने ही स्कूल के स्टूडेंट की तनिक भी जान की परवाह नहीं है। एक सप्ताह के भीतर ही शहर एक और स्कूल की बस ने अपने ही स्कूल के 5 वर्ष के स्टूडेंट को साेमवार की सुबह कुचल दिया। इससे छात्र ने मौके पर ही अपने पिता की आंखों के सामने दम तोड़ दिया। अब पूरा परिवार और गांव के लोग छात्र का शव को लेकर दहाड़ मार रो रहे हैं। चालक मौके से फरार हो गया है। स्कूल बस को गांव वालों ने आग के हवाले कर दिया है। इस घटना से पहले बीती 15 अगस्त को डीएवी पब्लिक स्कूल की बस ने अपने ही स्कूल की छात्रा को कुचल दिया था। इससे छात्रा की मौत हो गई। वह मानपुर स्थित प्रभा भारती स्कूल में पढ़ता था।इस घटना के बाद डीएम डॉ त्यागराजन ने परिवहन विभाग को सख्त आदेश दिया था कि एक सप्ताह के भीतर सभी निजी स्कूल प्रबंधन और स्कूल चालकों के साथ बैठक कर उन्हें परिवहन विभाग की ट्रेनिंग दी जाए। लेकिन इस आदेश के सात दिन बीत जाने के बाद भी अब तक परिवहन विभाग की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। मयंक सिंह राजपूत अपने पिता संतोष सिंह के साथ घर की देहरी से हंसते हुए नन्हें कदमों से स्कूल बस पकड़ने के लिए निकला था। स्कूल बस घर के दरवाजे से महज दस कदम दूर सड़क पर घर के सामने ही रुकी। मयंक स्कूल बस की सीढ़ियों पर चढ़ा ही था कि बस के चालक ने बस तेजी से बढ़ा दिया।
इससे मयंक बस से नीचे गिर गया और वह पहिए के नीचे आ गया और बस उसे कुचलते हुए निकल गई। अपने आंखों के सामने बेटे को कुचलता देख उसके पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई। वह चिल्लाने लगे। दौड़ कर बेटे के पास पहुंचे। बेटे की हालत देख सुध-बुध खो दिया। बदहवाश हालत में ही बस के पीछे दौड़ पड़े। बस के चालक को चलती बस से पकड़ नीचे उतारा। लेकिन बस का चालक मयंक के पिता संतोष सिंह को धक्का देकर भाग निकला। मयंक की छटपहाट और बच्चे का शव देख गांव वालों का गुस्सा फुट पड़ा।
बस को आग के हवाले कर दिया। स्कूल बस में न तो कोई खलासी था और न ही बच्चों की देखरेख करने वाला कोई स्टाफ। घटना की सूचना पर मौके पहुंची पुलिस मौन खड़ी है। वहीं मृतक के घर के परिजनों और गांव की महिलाओं के रोने की आवाज से पूरा गांव गम में डूबा है।
इधर डीटीओ विकास कुमार ने बताया कि बैठक की तैयारी कर ली गई है। ऑडर भी पास कर दिया गया है लेकिन मुख्यमंत्री के आगमन की व्यवस्ता बढ़ गई। इसलिए बैठक व ट्रेनिंग नहीं हो सकी है।