परिमार्जन और दाखिल खारिज में कटोरिया अंचल की मनमानी
कटोरिया/बांका। कटोरिया अंचल में दाखिल खारिज और परिमार्जन को समय सीमा के अंदर नहीं होने से संबंधित आवेदक परेशान है। सरकार ने दाखिल खारिज के वादों को समय सीमा के अंदर निष्पादन के लिए इसे आरटीपीएस में शामिल किया है। ताकि आवेदनों को इसके लिए ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़े लेकिन अंचल कर्मियों की मनमानी के कारण इसका समुचित लाभ आवेदकों को नहीं मिल पा रहा है। अंचलों में ऐसे कई मामले ऐसे हैं जिसे बिना ठोस कारण बताएं उस वाद को निरस्त कर दिया जाता है। सूत्रों की माने तो कुछ निरस्त किए गए मामले को भी पुन: आरटीपीएस काउंटर स्वीकार कर उसे दाखिल खारिज बाद में शामिल कर लिया जाता है। इसमें संबंधित आवेदक से रिश्वत लेकर उसे पुनः प्रक्रिया में लाकर वाद को निष्पादन कर दिया जा रहा है। जबकि प्रावधान के मुताबिक यदि किसी दाखिल खारिज वाद को निरस्त किया जाता है तो पुनः उसे डीसीएलआर के न्यायालय में दाखिल कर उसका निष्पादन किया जाना है। अधिकांश वादों में राजस्व कर्मी को चढ़ावा चढ़ाए बिना उसका निष्पादन नहीं किया जाता है। ऐसे में दाखिल खारिज मामलों के निष्पादन के लिए आवेदन अंचल कार्यालयों के इर्द-गिर्द तो कभी सीओ आवास तो कभी कर्मचारी आवास का चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें समय पर म्यूटेशन नहीं हो पाता है। ऐसा ही एक मामला आवेदक उदय मिस्त्री पिता-स्व० किष्टु मिस्त्री है उन्होंने बताया की 28/07/2021 को दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन किए थे उसमें गैरमजरूआ जमीन होने की बात कह कर आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया। उसके बाद अंचल के कर्मचारी और सीओ साहब को जमीन का कागजात दिखाने पर पुनः दोबारा दाखिल खारिज आवेदन करने की बात कही गई जब दोबारा ऑनलाइन दाखिल खारिज आवेदन किया गया तो उसमें खाता खसरा दर्ज ना होने की बात करते हुए परिमार्जन करने की बात कह कर आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया। उसके बाद फिर कर्मचारी से मिलकर जमीन संबंधित कागजात को दिखाया गया तो कर्मचारी ने परिमार्जन का रिपोर्ट बनाकर सीओ साहब को देने की बात कही गई और फिर ऑनलाइन दाखिल खारिज करने की बात कही गई। फिर तीसरी बार दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन करके कर्मचारी रिपोर्ट के साथ जमीन के रसीद, केवाला कोपी एवं खतियान कॉपी के साथ सीओ साहब को 13 अप्रैल 2022 को दे दिया गया। सीओ साहब द्वारा एक सप्ताह के बाद अंचल कार्यालय आने के बात कहा गया। और मैं तब से अंचल कार्यालय का चक्कर काट रहा हूंँ। कभी एक सप्ताह की बात तो कभी 15 दिन की बात कह कर लगातार साल भर से दोड़ा रहे हैं लेकिन आज तक मेरा दाखिल खारिज नहीं हुआ है। मैं सीओ साहब और कर्मचारी से परेशान हो गया हूंँ। एक ही जमीन का तीन बार ऑनलाइन आवेदन करवाया गया है। मेरा पहला ऑनलाइन दाखिल खारिज आवेदन संख्या- 936 /2021-22 है, दूसरा दाखिल खारिज आवेदन संख्या- 17878/2021-22 और तीसरा ऑनलाइन दाखिल खारिज आवेदन संख्या- 117/2022-23 है। आज हम मीडिया के माध्यम से अपने बात को श्रीमान जिलाधिकारी तक पहुंचाना चाहता हूंँ उसके बाद भी काम नहीं हुआ तो खुद जिलाधिकारी से मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगे। जब इस आशय की जानकारी सीओ सागर प्रसाद से लिया गया तो उन्होंने बताया कि टेक्निकल प्रॉब्लम के चलते काम नहीं हुआ है।