हालांकि वकील का कहना है कि वह वीडियो उसके व्हाट्सएप ग्रुप पर आया था, जिसे किसी बच्चे ने गलती से दूसरे ग्रुप में भेज दिया। पुलिस वकील की दलील को नहीं मान रही है। पुलिस के मुताबिक वकील के फोन से व्हाट्सएप पर सोशल ग्रुप में वीडियो शेयर किया गया, जिसमें धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी थी। इस वीडियो के देखने वाले लोगों की धार्मिक भावना आहत हो सकती थी। ऐसे में अग्निपथ बवाल के बीच कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो जाती।
सात कोचिंग संस्थानों पर छापामारी
दूसरी ओर अग्निपथ बवाल में कोचिंग संस्थानों की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस को व्हाट्सएप पर हुई चैटिंग हाथ लगी है। इनमें कोचिंग टीचर्स द्वारा छात्रों को अग्निपथ योजना के खिलाफ उकसाने में भूमिका संदेहास्पद है। मुजफ्फरपुर जिले में मंगलवार शाम तक पुलिस ने अलग-अलग कोचिंग संस्थानों पर छापेमारी की। मिठनपुरा और चक्कर रोड स्थित दो कोचिंग संस्थानों से पुलिस ने कई तरह के कागजात और रजिस्टर जब्त किए। इसके अलावा काजी मोहम्मदपुर, अहियापुर और सदर थाना इलाके के कोचिंग सेंटर पर भी छापा मारा गया। पुलिस ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।