संवाददाता : सम्भू सेन (सरायकेला)
नीमडीह प्रखंड के चेलियमा पंचायत के बांधडीह गांव में महान पुरुष भुमिज विद्रोह के महानायक लायक गंगा नारायण सिंह की जंयती पर स्मारक समिति के सदस्य ने याद किए। इस अवसर भुमिज समुदायिक के आसपास के लोग उपस्थित थे। जनता पर अन्याय शोषण , अपने संस्कृति,परंपरा की रक्षा के लिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ अंन्दोलन की । भुमिज विद्रोह में मुख्य रूप से भुमिका अदा की थी। महान पुरुष गंगा नारायण सिंह की जन्म 25अप्रैल 17670हूई। 7/2/1833में देहात हुइ थी।बांधडीह के ग्राम प्रधान भानु सिंह ,वरूण सिंह,गोपल सिंह,कुसम कमल सिंह,आदि लोग उपस्थित थे। वक्ताओं ने कहा की गंगा नरयाण की भुमिज विद्रोह 1832-1833 के आन्दोलन में इनका नाम अंकित है। संथालों के बीच प्रचार किया जा रहा है कि भूमिज लोग संथालों को अछुत समझते है,घृणा करते है (जो झूठ है)और भूमिजों के बीच प्रचार किया जा रहा है कि संथाल लोग की कोई भी राज्यों में आदिवासी सीट पर किसी प्रकार की प्रतिनिधि नहीं थे।जिस प्रकार आज के समय विभिन्न समुदायिक के लिए MP, MLA बन जा रहे , बंगाल मे भूमिजों का एक भी MLA तक नहीं है ।जिससे संथालों के संस्कृति, समाजिक ढ़ांचा के बारे जानकारी दे सके, इसलिए प्रतिनिधि उस समय के प्रतिनिधि इन समुदायों के लिए वर्तमान सरकार को गुमहार और नफरत पैदा करने की सिवाय कुछ नहीं मिला
चुआड विद्रोह के इतिहास विकृति को लेकर बंगाल के भूमिज साथी लोग जो आर पार की लडा़ई छेड़ चुके है । अन्दोलन के प्रचार प्रसार मे काफी मदद मिली है ,साथ ही कोडा आदिवासी और संथाल आदिवासी समाज के स्थानिय अगुआ लोग भूमिजों के इस लडा़ई मे एकता प्रदर्शित करने के लिए जुलुस व सभाओं मे भाग लिए । आदिवासियों को एक होता देख षड़यंत्रकारी लोग भयभित हो रहे ।आदिवासियों के बीच एकता न बने ,इसलिए वे लोग इस तरह के दुष्प्रचार कर रहे है । सबको सावधान होने की जरूरत है ,ये हमारी लडा़ई को कमजोर करने की साजिश है । हमे तोड़ने की सजिश हैचुआड़ विद्रोह के इतिहास को विकृत करने वाले षड़यंत्र कारी लोग भूमिज और संथाल आदिवासियों के बीच विद्वेष फैलाने की भरपुर कोशिश मे जुटे हुए है । नीमडीह प्रखंड के प्रखंड के प्रमुख असित सिंह पात्र,बासु सिंह, समानपुर में गंगा नारायण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण की गई।