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राजस्थान की तर्ज पर बिहार में इलेक्ट्रोहोम्योपैथी को शासकीय मान्यता दिलाने के लिए भरपूर सहयोग करेंगे : भाजपा जिलाध्यक्ष // LIVE NEWS 24

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न्यूज डेस्क : इलेक्ट्रो होम्योपैथी एक बिल्कुल ही स्वतंत्र पूर्ण वानस्पतिक चिकित्सा पद्धति है जिसकी खोज 1865 ई में इटली के डॉ काउंट सीजर मैटी साहब के द्वारा की गई। इसकी दवाई शरीर के अंदर लिम्फ और ब्लड में आई अशुद्धि को दूर कर नए पुराने असाध्य रोगों को समूल ठीक करने की अपार क्षमता रखती है। उक्त बातें नवगछिया स्थित भाजपा कार्यालय में भाजपा जिलाध्यक्ष बिनोद मंडल जी से मिलकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुभाष कुमार विद्यार्थी नें बताया। डॉ विद्यार्थी नें आदरणीय जिलाध्यक्ष जी से माँग करते हुए कहा कि बिहार में करीब तीस हजार इलेक्ट्रो होम्योपैथी के चिकित्सक पीड़ित मानवों की सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं। इन्होंने कहा कि 2018 में राजस्थान में तत्कालीन भाजपा की सरकार ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी को शासकीय मान्यता प्रदान की इसी तर्ज पर बिहार में भी शासकीय मान्यता मिले। इस अवसर पर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ अनन्त विक्रम, डॉ रजनीकान्त देव, डॉ अरुण पोद्दार एवं डॉ सुधांशु कुमार थे। जिलाध्यक्ष बिनोद मंडल जी नें कहा कि इतनी अच्छी चिकित्सा पद्धति की सरकारी मान्यता के लिए बिहार के स्वास्थ्य मंत्री जी से मिलकर बात करने एवं विधान सभा में चर्चा कराने में यथासंभव सहयोग करेंगे।